अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से
जो दवाई मंगाई है, उसके साइड इफेक्ट्स भी हैं. यानी
उस दवा का उपयोग खतरनाक
भी हो सकता है.
हो सकता है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना मरीजों के संक्रमण को
रोकने में मददगार साबित हो लेकिन उसके
साइड इफेक्ट भी हैं. ये
साइड इफेक्ट्स और भयावह भी
हो सकते हैं, अगर इसे लेने वाला पहले से दिल संबंधी
बीमारियों का मरीज हो.
दुनिया
के प्रसिद्ध अस्पताल मेयो क्लीनिक के कार्डियोलॉजिस्ट ने इस
बारे में दुनियाभर को चेताया है.
मेयो क्लीनिक के जेनेटिक कार्डियोलॉजिस्ट
डॉ. माइकल एकरमैन ने कहा है
कि सभी डॉक्टरों को इस दवा
के साइड इफेक्ट्स के बारे में
पता है. ये दवा ऐसे
ही खाने के लिए नहीं
बनी है. कोई भी शख्स अगर
इसे अपने मन से लेकर
खा लेगा, तो उसे उसका
गलत परिणाम भुगतना होगा. डॉ.
माइकल एकरमैन ने एनबीसी न्यूज
को दिए एक इंटरव्यू में
कहा है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
के बेहद खतरनाक साइड इफेक्ट्स हैं. जिन्हें दुनिया का कोई डॉक्टर
दरकिनार नहीं कर सकता. (फोटोः
रॉयटर्स )
डॉ.
एकरमैन ने कहा कि
मैं बेहद हैरान हूं कि इस दवा
को राजनीतिक तरीके से बढ़ावा दिया
जा रहा है. लेकिन कोई भी डॉक्टर अगर
इस दवा को अपने मरीज
को देता है तो उसे
पहले ही इसके सभी
साइड इफेक्ट्स बता देता है. अगर नहीं बताता है तो वह
गलत करता है. डॉ.
एकरमैन ने कहा कि
मैं बेहद हैरान हूं कि इस दवा
को राजनीतिक तरीके से बढ़ावा दिया
जा रहा है. लेकिन कोई भी डॉक्टर अगर
इस दवा को अपने मरीज
को देता है तो उसे
पहले ही इसके सभी
साइड इफेक्ट्स बता देता है. अगर नहीं बताता है तो वह
गलत करता है.डॉ.
एकरमैन ने कहा कि
मैं बेहद हैरान हूं कि इस दवा
को राजनीतिक तरीके से बढ़ावा दिया
जा रहा है. लेकिन कोई भी डॉक्टर अगर
इस दवा को अपने मरीज
को देता है तो उसे
पहले ही इसके सभी
साइड इफेक्ट्स बता देता है. अगर नहीं बताता है तो वह
गलत करता है.
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
के कई साइड इफेक्ट
भी हैं. इसे खाने के बाद सिरदर्द,
चक्कर, भूख कम, पेट दर्द, उल्टी और त्वचा पर
लाल चकत्ते पड़ सकते हैं. ओवर डोज होने से रोगी बेहोश
भी हो सकता है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
के कई साइड इफेक्ट
भी हैं. इसे खाने के बाद सिरदर्द,
चक्कर, भूख कम, पेट दर्द, उल्टी और त्वचा पर
लाल चकत्ते पड़ सकते हैं. ओवर डोज होने से रोगी बेहोश
भी हो सकता है.
डॉ.
माइकल एकरमैन ने कहा कि
मैं पहली बार दुनिया में किसी दवा को इस तरह
से देख रहा हूं, जिसे रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक मेडिकेशन
के नाम पर बढ़ाया जा
रहा है. यह एक पागलपन
है. (फोटोः रॉयटर्स)
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